मैं बहरा हूँ - A Story of Deaf Girl |
हम कभी कभी भूल जाते हैं कि हमें दुनियां में किसी इंसान को तुरंत जज़ नहीं करना चाहिए। हम कभी कभी उस इंसान को ग़लत ठहरा देते हैं जो सायद ग़लत ना हो, जिसे हम तुरंत जज कर देते है। बिना उसके बारे में जाने, बिना कुछ सोचे समझे उसे ग़लत ठहरा देते हैं। जबकि वो इंसान ग़लत नहीं होता है। आज इसी के ऊपर हम आपके लिए ये ख़ास story लेकर आए हैं।
मैं बहरा हूँ - A Story of Deaf Girl
सुभ्रजीत नाम का एक लड़का होता है जो अच्छे घराने से होता है। वो लड़का दिन में कई घंटे सिर्फ कसरत करने में बिताता है। वो अपनी कसरत (workout) से अपनी फिटनेस का अच्छी तरह से देखभाल करता है। एक दिन सुबह वो कसरत करने के पहले मॉर्निंग वॉक पर निकलता है। वो मॉर्निंग वॉक करते करते काफी दूर निकल जाता है। जब सुभ्रजीत मॉर्निंग वॉक करके वापस लौट रहा होता है तब वो विश्राम के लिए थोड़ी देर एक पेड़ के नीचे बैठ जाता है। जिस पेड़ के नीचे सुभ्रजीत विश्राम के लिए बैठता है उसी पर के नीचे पास में एक लड़की बैठी होती है जिसका नाम राखी होता है। वो लड़की वहां बैठ कर समाने दुटे पेड़ की चित्रांकन (ड्रवाइंग) कर रही होती है। राखी पेशे से चित्रकार होती है जो हर दिन उसी पेड़ के नीचे आकर nature की चित्र बनाया करती है।
जब राखी उस टूटे पेड़ की तस्वीर बना रही होती है तब वहां बैठे सुभ्रजीत जो विश्राम कर रहा होता है उसका नज़र राखी के उस तस्वीर पर पड़ता है। सुभ्रजीत उस तस्वीर को देख आश्चर्य हो जाता है और मन ही मन सोचता है कितना सुन्दर और आकर्षक तस्वीर बना रही है। सुभ्रजीत तुरंत उस तस्वीर की तारीफ़ राखी से करता है और कहता है, एक्सक्यूज़-मी (Excuse me) आपकी बनाई तस्वीर काफी सुंदर और आकर्षक है। सुभ्रजीत की तारीफ़ करने के बावजूद राखी उसके तारीफ़ की कोई जवाब नहीं देती और वो अपनी चित्रकला में मदमस्त हुए तस्वीर बनाए जाती है। सुभ्रजीत दोबारा से कहता है, एक्सक्यूज़-मी (Excuse me) आपकी बनाई तस्वीर काफी सुंदर और आकर्षक है। लेकिन सुभ्रजीत के बार बार तारीफ़ करने के बावजूद राखी कोई जवाब नही देती। सुभ्रजीत राखी की ये अहंकारी हरक़त को देख आग बबूला हो जाता है और राखी को कहता है, इतनी अहंकार, इतना घमंड, अपने तस्वीर और अपने टैलेंट पर इतना गुमान! तुम्हारी घमंड ज्यादा दिन नहीं रहेगी, तुम बहुत जल्द ज़मीन पर गिरोगी तुम्हारी घमंड बहुत जल्द टूट जाएगी। सुभ्रजीत, राखी को कोसने के बाद अपना मॉर्निंग वॉक का कुछ सामान वहीं रख कर दोबारा वर्कआउट के लिए वहां से चला जाता है। सुभ्रजीत के जाने के बाद राखी सोचती है कि पास में बैठा लड़का सायाद कुछ कह रहा था, पर वो क्या केह रहा था।
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वो यही बात काफी देर तक सोचती है। कुछ देर सोचने के बाद राखी अपने बनाए तस्वीर के ऊपर सुभ्रजीत के लिए एक संदेश लिख कर उस तस्वीर को सुभ्रजीत के समान के नीचे रख कर वहां से चली जाती है। थोड़ी देर बाद जब सुभ्रजीत वर्कआउट से वापस आता है वो देखता है उसके समान के नीचे वो तस्वीर रखी होती है जिसे वो लड़की बना रही होती है। सुभ्रजीत उस तस्वीर को उठा कर देखता है वो देखता है वहां उसके लिए कुछ संदेश लिखा हुआ है। उस तस्वीर में लिखा होता है ' मैं Deaf (बहरा) हूं, मुझे ना कुछ सुनाई देता है ना कुछ बोल पति हूं ' मुझे माफ़ कर देना अगर मैंने आपको किसी कारण ठेस पहुंचाई हो तो, मैंने आपके बातों का उत्तर सिर्फ इसलिए नहीं दिया क्योंकि मै Deaf हूं।
ये संदेश पढ़ते ही सुभ्रजीत दुखी और मायूस हो जाता है और खुद पे खेद जताता है, गिल्टी महसूस करने लगता है।
दोस्तों हमें किसी इंसान को बिना कुछ सोचे समझे कोई ग़लत बात नहीं कहनी चाहिए। अगर कोई इंसान हमसे ठेस पहुंचाने लायक़ व्यवहार कर रहा हो तो हो सकता हो की वो उसकी मजबूरी हो। हमें उसे जानना चाहिए बिना सोचे समझे कोई ग़लत फ़ैसला कर तुरन्त बुरा भला नहीं कहना चाहिए।